Nirav Modi and Punjab National Bank Scam

Nirav  Modi   , एक ऐसी शख्सियत जो आज अखबारों  और न्यूज़ चैनलों की हेड लाइन बना हुआ है, बैंकों  और खासकर पंजाब नेशनल बैंक की गले की हड्डी बना हुआ है  आखिर है कौन ? आखिर क्यों उसने भारत सरकार  की नींद उड़ा  दी और बैंको की साख पर बट्टा लगा दिया।  तो आइये चलते हैं  आज  जानते हैं कि  आखिर  Nirav  Modi  कौन है और उसने ऐसा कौन सा कारनामा कर दिया है। 
Nirav  Modi  वही शख्स है जिसने भारत के इतिहास में सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले को अंजाम दिया है। घोटाला भी ऐसा वैसा नहीं पुरे 1.8 बिलियन डालर यानि करीब करीब 11400 करोड़ रुपये का। मजे की बात यह है की यह घोटाला पंजाब नेशनल बैंक की एक ही शाखा मुंबई में हुआ। 
Nirav  Modi एक ग्लोबल ज्वेल्लरी हाउस है जिसकी स्थापना नीरव मोदी ने 2010 में की थी। नीरव मोदी ज्वेल्लरी हाउस भारत का पहला ज्वेल्लरी हाउस है जो Cristie  and Sotheby Catalogues में अपना स्थान बनाया था।  मोदी के पिता और दादा दोनों इसी व्यसाय में थे।  नीरव का पालन पोषण Antewerp Belgium में हुआ था। उनकी शादी Ami Modi  से हुई थी और उनके तीन बच्चे हैं। उनके छोटे भाई nishat की शादी Mukesh  Ambani  की भतीजी  इशिता सलगाउंकर  से हुई है। 
कला और डिज़ाइन में उनकी रूचि उन्हें यूरोप के कई म्यूजियम का भ्रमण कराया और फिर  भारत में हीरा व्यापार का प्रशिक्षण ले कर उन्होंने 1999 में  firestone  नाम की कंपनी खोली जो बाद में फायर स्टार नाम से जाना गया।  2008 में उनके एक नजदीकी मित्र ने उन्हें झुमके का आर्डर दिया। महीनो तक सही हीरा की तलाश के लिए  गहन खोज ने उन्हें इस व्यवसाय के प्रति passion को बढ़ावा दिया। आज उनके स्टोर New York , Las Be gas , Hong  Kong और Beijing, Mumbai समेत कई देशों  में हैं। उनके डिज़ाइन किये हुए गहने बॉलीवुड और हॉलीवुड दोनों में खूब प्रयोग किये गए।TarajTaraji  P  Henson , Dakota  Johnson  और Winsiet जैसी चर्चित हॉलीवुड हस्तियों ने भी खूब सराहा। 
नीरव मोदी ज्वेल्लरी हाउस भारत का पहला ज्वेल्लरी हाउस है जो Cristie  and Sotheby Catalogues में अपना स्थान बनाया।. गोलकुंडा नेकलेस जो गुलाबी हीरो से बना है  इसे होन्ग कोंग नीलामी में बेचा गया।  द रिवेरी ऑफ़ परफेक्शन जो 36 हीरों का कलेक्शन है इसे होन्ग कोंग में 2012 में नीलाम  किया गया। प्रियंका चोपड़ा इनकी ब्रांड एम्बेस्डर है


पीएनबी के घोटाले को अंजाम देने वाले नीरव के मददगार बैंक के अंदर ही थे। शाखा के कुछ स्टाफ मोदी समूह की कंपनियों  जैसे सोलर एक्सपोर्ट्स, स्टेलर डायमंड्स आदि के पक्ष में लेटर ऑफ़ अंडर टेकिंग जारी कर रहे थें।  लेटर ऑफ़ अंडर टेकिंग एक ऐसा पत्र होता है जिसके द्वारा कस्टमर्स को दूसरे बैंक वित्तीय सुविधा देते हैं। यह सब हवा में ही होता था जिससे उन पत्रों के आधार पर हजारों करोड़ का घोटाला किया गया। नीरव इस समय देश से फरार हैं और सीबीआई इस केस को देख रही है।
 अब देखना है कि  क्या अन्य घोटालों की तरह इसका भी वही अंजाम होगा या सीबीआई इसमें कुछ हासिल कर पाती है। 



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3 टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
deep knowledge, good
बेनामी ने कहा…
Akhilesh jee plz keep it on