NRI किसे कहा जाता है
सदिओं से बहुत सारे भारतवासी व्यापार ,नौकरी या अन्य उद्देश्यों से भारत से बाहर पुरे विश्व में जाते रहे हैं। धीरे धीरे वे वहां के बाशिंदे हो गए और वहीँ की नागरिकता ले ली। वे उन देशों में बसे तो जरूर पर अपनी पहचान अपनी संस्कृति , अपना दर्शन बनाये और बचाये रखे। वे भावनात्मक रूप से भारत से जुड़े रहे। ऐसे ही भारतीयों को NRI कहा जाता है।
भारतीय उपमहाद्वीप से यहाँ के लोगों का विदेशों में जाना और बसना कई कारणों से हुआ है। प्राचीन काल से ही राज्य विस्तार,धर्म प्रचार , मजदूरी , व्यापार , नौकरी , शिक्षा इत्यादि के लिये लोग विभिन्न देशों का रुख किये। दक्षिण भारत के राजाओं के द्वारा कम्बोडिआ, इंडोनेशिया आदि देशों में राज्य विस्तार हुआ जिसमे बहुत सारे लोगों का पलायन हुआ।फिर बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए भी भारत से लोग विश्व के कई देशों में गए। अंग्रेजों के शासन काल में बिहार तथा उत्तरप्रदेश के मजदूरों को जिन्हे गिरमिटिआ भी कहा जाता था उन्हें अंग्रेजों द्वारा खेती और मजदूरी के लिए उनके औपनिवेशिक देशों में ले जाया गया जहाँ वे बस गए। आजादी के बाद शिक्षा,व्यापार तथा नौकरी के लिए भारतीयों का अमेरिका ,कनाडा , ऑस्ट्रेलिया , सऊदी अरब , UAE आदि देशों में पलायन हुआ और अभी भी हो रहा है।
NRI का फुलफॉर्म क्या है What is the fullform of NRI
NRI का फुलफॉर्म होता है नॉन रेजिडेंट इंडियन जिसे प्रवासी भारतीय भी कहा जाता है। NRI भारत से बाहर दुनिया के कई देशों में विभिन्न कालक्रम में गए बल्कि अभी भी जाते हैं वे उस देश में नौकरी ,शिक्षा , व्यापार इत्यादि के लिए जाते हैं वहीँ की नागरिकता ले लेते हैं और वहीँ बस जाते हैं। वे उस देश के विकास ,आर्थिक समृद्धि ,खेल ,राजनीती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। NRI कई देशों में राष्ट्राध्यक्ष , मंत्री , मेयर , बड़े उद्योगपति , बिजिनेसमैन आदि के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कई खेलों के खिलाडी भी NRI हैं। चूकि उनका मूल निवास भारत रहा है और वे भारत से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं , भारत सरकार भी उन्हें भारत में उद्योग और व्यवसाय करने के लिए कई सुविधाएँ प्रदान करती हैं। एक अनुमान के अनुसार पुरे विश्व में इस समय दो करोड़ के आस पास NRI हैं।
Income Tax के अनुसार NRI
वास्तव में NRI इनकम टैक्स में प्रयोग उन व्यक्तियों के टैक्स स्टेटस के लिए किया जाता रहा है जो इनकम टैक्स के एक्ट 1961 के सेक्शन 6 के अनुसार एक खास अवधि के दौरान भारत से बाहर रहे हो. ऐसे व्यक्तिओं के लिए टैक्स रेट अलग होते बनिस्पत जो भारत में लगातार रहे हों। इनकम टैक्स के इस एक्ट के अनुसार ऐसे भारतीय जो एक फाइनेंसियल ईयर में कम से कम 182 दिन या चार लगातार वर्षों में कम से कम 365 दिन और कम से कम 65 दिन उस वर्ष में भारत में रहा हो उसे रेजिडेंट ऑफ़ इंडिया माना जाता है जबकि जो इस क्राइटेरिया में नहीं आते उनको NRI कहते हैं और अपने उसी स्टेटस के हिसाब से टैक्स का भुगतान करना पड़ता है।
प्रवासी भारतीय दिवस कब मनाया जाता है
2003 से विदेश मंत्रालय के द्वारा हर वर्ष 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है जो भारतीय समुदाय के द्वारा भारत के विकास में अपना योगदान देने के लिए मनाया जाता है। 9 जनवरी को महात्मा गाँधी के दक्षिण अफ्रीका से भारत वापसी की याद में NRI दिवस के रूप में चुना गया। इस अवसर पर एक त्रिदिवसीय सम्मलेन का आयोजन किया जाता है जिसमे NRI से सम्बंधित इश्यूज पर चर्चा होती है साथ ही प्रवासी भारतीय सम्मान भी प्रदान किया जाता है।
सदिओं से बहुत सारे भारतवासी व्यापार ,नौकरी या अन्य उद्देश्यों से भारत से बाहर पुरे विश्व में जाते रहे हैं। धीरे धीरे वे वहां के बाशिंदे हो गए और वहीँ की नागरिकता ले ली। वे उन देशों में बसे तो जरूर पर अपनी पहचान अपनी संस्कृति , अपना दर्शन बनाये और बचाये रखे। वे भावनात्मक रूप से भारत से जुड़े रहे। ऐसे ही भारतीयों को NRI कहा जाता है।
भारतीय उपमहाद्वीप से यहाँ के लोगों का विदेशों में जाना और बसना कई कारणों से हुआ है। प्राचीन काल से ही राज्य विस्तार,धर्म प्रचार , मजदूरी , व्यापार , नौकरी , शिक्षा इत्यादि के लिये लोग विभिन्न देशों का रुख किये। दक्षिण भारत के राजाओं के द्वारा कम्बोडिआ, इंडोनेशिया आदि देशों में राज्य विस्तार हुआ जिसमे बहुत सारे लोगों का पलायन हुआ।फिर बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए भी भारत से लोग विश्व के कई देशों में गए। अंग्रेजों के शासन काल में बिहार तथा उत्तरप्रदेश के मजदूरों को जिन्हे गिरमिटिआ भी कहा जाता था उन्हें अंग्रेजों द्वारा खेती और मजदूरी के लिए उनके औपनिवेशिक देशों में ले जाया गया जहाँ वे बस गए। आजादी के बाद शिक्षा,व्यापार तथा नौकरी के लिए भारतीयों का अमेरिका ,कनाडा , ऑस्ट्रेलिया , सऊदी अरब , UAE आदि देशों में पलायन हुआ और अभी भी हो रहा है।
NRI का फुलफॉर्म क्या है What is the fullform of NRI
NRI का फुलफॉर्म होता है नॉन रेजिडेंट इंडियन जिसे प्रवासी भारतीय भी कहा जाता है। NRI भारत से बाहर दुनिया के कई देशों में विभिन्न कालक्रम में गए बल्कि अभी भी जाते हैं वे उस देश में नौकरी ,शिक्षा , व्यापार इत्यादि के लिए जाते हैं वहीँ की नागरिकता ले लेते हैं और वहीँ बस जाते हैं। वे उस देश के विकास ,आर्थिक समृद्धि ,खेल ,राजनीती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। NRI कई देशों में राष्ट्राध्यक्ष , मंत्री , मेयर , बड़े उद्योगपति , बिजिनेसमैन आदि के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कई खेलों के खिलाडी भी NRI हैं। चूकि उनका मूल निवास भारत रहा है और वे भारत से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं , भारत सरकार भी उन्हें भारत में उद्योग और व्यवसाय करने के लिए कई सुविधाएँ प्रदान करती हैं। एक अनुमान के अनुसार पुरे विश्व में इस समय दो करोड़ के आस पास NRI हैं।
Income Tax के अनुसार NRI
वास्तव में NRI इनकम टैक्स में प्रयोग उन व्यक्तियों के टैक्स स्टेटस के लिए किया जाता रहा है जो इनकम टैक्स के एक्ट 1961 के सेक्शन 6 के अनुसार एक खास अवधि के दौरान भारत से बाहर रहे हो. ऐसे व्यक्तिओं के लिए टैक्स रेट अलग होते बनिस्पत जो भारत में लगातार रहे हों। इनकम टैक्स के इस एक्ट के अनुसार ऐसे भारतीय जो एक फाइनेंसियल ईयर में कम से कम 182 दिन या चार लगातार वर्षों में कम से कम 365 दिन और कम से कम 65 दिन उस वर्ष में भारत में रहा हो उसे रेजिडेंट ऑफ़ इंडिया माना जाता है जबकि जो इस क्राइटेरिया में नहीं आते उनको NRI कहते हैं और अपने उसी स्टेटस के हिसाब से टैक्स का भुगतान करना पड़ता है।
प्रवासी भारतीय दिवस कब मनाया जाता है
2003 से विदेश मंत्रालय के द्वारा हर वर्ष 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है जो भारतीय समुदाय के द्वारा भारत के विकास में अपना योगदान देने के लिए मनाया जाता है। 9 जनवरी को महात्मा गाँधी के दक्षिण अफ्रीका से भारत वापसी की याद में NRI दिवस के रूप में चुना गया। इस अवसर पर एक त्रिदिवसीय सम्मलेन का आयोजन किया जाता है जिसमे NRI से सम्बंधित इश्यूज पर चर्चा होती है साथ ही प्रवासी भारतीय सम्मान भी प्रदान किया जाता है।
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