यूरिक एसिड और गाउट /अर्थराइटिस
कई बार ऐसा होता है कि कुछ लोगों को चलने फिरने में काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता है और उनके शरीर के जोड़ जोड़ में दर्द होता है। गांठे सूज जाती हैं और वह करीब करीब बेड पर हो जाता है। यह बीमारी काफी तकलीफदायक है क्योंकि यह सीधे मनुष्य के खड़े होने , चलने फिरने पर प्रभाव डालता है और इस वजह से वह लाचार और काफी हद तक दूसरों पर निर्भर हो जाता है।
आइए जानते हैं ऐसा किन वजहों से होता है और कैसे इसका निदान करते हैं :
मनुष्य के शरीर में विभिन्न उपापचयी क्रियाओं के पश्चात यूरिक एसिड का निर्माण होता है। जब किसी कारणवश शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाती है तब यह शरीर पर अपना नुकसान दिखाना शुरू करती है।
यूरिक एसिड या गठिआ क्या है What is Uric Acid
यूरिक एसिड कार्बन,हाइड्रोजन,नाइट्रोंजन तथा ऑक्सीजन परमाणुओं का एक हेट्रोसिक्लिक योगिक होता है जो शरीर के अंदर विभिन्न उपापचयी क्रियाओं के पश्चात् प्यूरिन के रूप में उत्पन्न होता है।इसी प्यूरिन के टूटने से यूरिक एसिड का निर्माण होता है। जब हमारे शरीर में इसकी मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है तो इसे Hyperuricemia या सामान्य बोलचाल में यूरिक एसिड कहते हैं। यूरिक एसिड क्रिस्टल के रूप में हड्डियों के जोड़ो में जमा होने लगता है जो बाद में दर्द ,चुभन ,सूजन आदि के रूप में सामने आता है।
शरीर में यूरिक एसिड की सामान्य मात्रा क्या होनी चाहिए
सामान्यतः शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा स्त्री और पुरुष में अलग अलग होती है
पुरुष : 3.4 se 7.0 mg/dl
स्त्री : 2.4 se 6.0 mg/d
इस लेवल से यूरिक एसिड का ज्यादा होना नुकसानदायक होता है।
शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के क्या कारण हैं
हमारे शरीर में यूरिक एसिड मुख्यतः दो कारणों से बढ़ता है 1. शरीर में यूरिक एसिड का ज्यादा बनाना 2 किडनी द्वारा अच्छी तरह से यूरिक एसिड फ़िल्टर नहीं होना।
यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण क्या क्या हैं
- पैरों तथा एड़िओं में तेज दर्द का होना
- शरीर के हर जोड़ जैसे कलाई ,उंगलिओं के जोड़ आदि में दर्द रहना
- उठने बैठने, खड़ा होने में तकलीफ होना
- पैर के अंगूठे के जोड़ के पास सूजन होना
- दर्द के वजह से चलने तथा खड़े होने में परेशानी होना
- ठन्डे मौसम में दर्द का बढ़ जाना।
यूरिक एसिड के बढ़ने के कारण
यूरिक एसिड बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं जिनमे से मुख्य निम्नलिखित हैं :
- खानपान और जीवन शैली :हमारे खानपान का तरीका पहले से काफी चेंज हो चूका है। हम मोटे तथा रेशेदार भोजन को कम करके उनकी जगह ऑयली ,चिकने तथा हैवी प्रोटीन युक्त भोजन को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बना चुके हैं। इसके साथ ही हमारा शारीरिक श्रम कम होता जा रहा है। रात में देर तक जागना सुबह देर तक सोना ये सारी चीजे हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को असंतुलित कर देता है।
- शुगर या डायबिटीज का होना भी इसका कारण हो सकता है। शुगर को नियंत्रित करने के लिए जो दवाएं ली जाती है उसकी वजह से यह बढ़ सकता है।
- प्रोटीन युक्त भोजन की अधिकता जैसे राजमा,दालें,मीट, मशरूम इत्यादि का होना।
- व्रत या फास्टिंग से भी यह बढ़ सकता है।
- ब्लड प्रेशर की दवाएं , पैन किलर्स आदि भी इसकी वजह हो सकती हैं।
- किडनी का सही तरह से काम नहीं करना।
- अधिक बीयर या मदिरापान भी इसका एक कारण हो सकता है।
- थाइरोइड की कमजोरी तथा आनुवांशिक कारण भी इसकी बीमारी की वजह हो सकती है।
यूरिक एसिड कंट्रोल करने के उपाय
- खूब रेशेदार भोजन जैसे ब्रोकली,पालक,पत्तागोभी ओट्स,दलिया,इसबगोल इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
- टमाटर और अंगूर का जूस इसमें काफी फायदेमंद होता है।
- पपीते या पपीते के पत्ते का सेवन , सेब का सेवन इसमें लाभदायक होता है। सेब में उपस्थित malic acid इसकी मात्रा को कंट्रोल करता है।
- आवला और एलोवेरा के रस का मिश्रण भोजन के दस मिनट पहले लेना चाहिए।
- भोजन के बाद अलसी चबाने से यूरिक एसिड पर नियंत्रण होता है।
- सामान्य खाद्य तेल की जगह जैतून का तेल काफी लाभदायक होता है।
- अखरोट और चेरी का खूब सेवन करना चाहिए। चेरी में anthocynis नामक अवयव होता है जो यूरिक एसिड की मात्रा को कम करता है।
- विटामिन युक्त भोजन खासकर विटामिन सी का सेवन काफी लाभदायक होता है। इसके लिए डेली आधा नीबू का सेवन काफी अच्छा होता है।
- यूरिक एसिड के मरीजों को खूब पानी पीना चाहिए। दिन में कम से कम चार से पांच लीटर पानी आवश्यक होता है। यह यूरिक एसिड को पेशाब के साथ निकाल कर बाहर कर देता है।
- संतरे या मोसम्मी के जूस में सेंधा नमक मिला कर भोजन के पहले लेना लाभदायक होता है।
यूरिक एसिड में क्या नहीं खाएं
- इस तरह मरीजों को मीट मछली का सेवन तुरत बंद कर देना चाहिए। इसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है और यह यूरिक एसिड को बढ़ा देता है।
- अंडा, दालें, सोयाबीन इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इस केस में बेकरी में बनी चीज़े जैसे ब्रेड,बन,पेस्ट्री,केक का परहेज करना चाहिए।
- जंक फ़ूड ,फ़ास्ट फ़ूड , सोडा,ठंडा का सेवन हानिकारक होता है।
- तीखे मिर्च मसाले , ऑयली फ़ूड , चावल का सेवन बंद कर देना चाहिए।
- डिब्बाबंद चीज़ों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- शराब खासकर कोई भी अलकोहलिक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिये। बियर से यूरिक एसिड की मात्रा में काफी वृद्धि होती है।
यूरिक एसिड रोग में क्या खाएं और क्या न खाएं इसके लिए विजिट करें
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