Fifa Golden Boot Award Kya Hai
फीफा वर्ल्ड कप के एक सीजन में सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाडी को
अलग से एक पुरस्कार दिया जाता है। इसे गोल्डन बूट कहा जाता है। गोल्डन
बूट का पुरस्कार देने की शुरुवात बहुत पुरानी नहीं है। इसकी शुरुवात 1982 के
वर्ल्ड कप से की गयी थी। उस समय इसे गोल्डन शू कहा जाता था। बाद में सन 2010
में इस नाम को बदल कर गोल्डन बूट रख दिया गया।
आईये देखते हैं अब तक के गोल्डन बूट विजेता कौन कौन रहे हैं :
1982 में फीफा वर्ल्ड कप के मेजबान स्पेन था। इस टूर्नामेंट से ही गोल्डन शू
अवार्ड की शुरुवात की गयी थी। इटली के पाओलो रोसी को विश्व का सबसे पहला
गोल्डन शू अवार्ड जीतने वाले खिलाडी बनने का सौभाग्य मिला। उन्होंने पुरे टूर्नामेंट
के दौरान सबसे ज्यादा 6 गोल बनाये थे। फाइनल में भी पहला गोल उन्होंने ही बनाया
और इटली पश्चिम जर्मनी को 3 -1 से हरा कर कप जीत गयी।
इंग्लैंड के गैरी लानेकर को 1986 फीफा वर्ल्ड कप में गोल्डन शू का अवार्ड मिला था।
गैरी ने इस टूर्नामेंट में 6 गोल बनाये थे। अफ़सोस की बात है कि इंग्लॅण्ड को क्वार्टर फ़ाइनल
में ही बाहर हो जाना पड़ा जब उसे अर्जेंटीना के हाथो करारी हार मिली। यह वर्ल्ड कप
मेक्सिको में खेला गया था।
इस बार फीफा वर्ल्ड कप इटली में हो रहा था। जर्मनी ने अर्जेंटीना को हरा कर फाइनल
मुकाबले को जीत लिया था। पर गोल्डन शू का हक़दार कोई और था। इटली के सल्वाटोर
स्किलस (Salvatore Schillici ) गज़ब का प्रदर्शन किया और पुरे टूर्नामेंट के दौरन
6 गोल किये। हालाँकि इटली सेमी फाइनल में अर्जेंटीना के हाथों हार कर तीसरे स्थान पर
रही थी।
इस साल पहली बार गोल्डन शू का अवार्ड दो लोगों को एक साथ दिया गया था। टूर्नामेंट
का आयोजन अमेरिका कर रहा था। रूस के ओलेग सलेन्को(Oleg Salenko)और बुल्गारिया
के हृष्टो स्टईच्कोव(Hristo Stoichkov) को संयुक्त रूप से इस अवार्ड के लिए चुना गया।
दोनों ने छह छह गोल किये। हालाँकि दोनों टीमें फ़ाइनल में जगह नहीं बना पायीं। इस वर्ल्ड कप
का विजेता ब्राज़ील रहा जिसने इटली को हराया।
यह टूर्नामेंट फ्रांस में हुआ था। इसमें फ्रांस ने ब्राज़ील को हरा कर विश्व कप पर कब्ज़ा जमाया था।
इस टूर्नामेंट में क्रोएशिया के डावर सुकर ने सबसे ज्यादा 6 गोल किये थे और उन्हें इस पुरस्कार से
नवाज़ा गया।
इस बार जापान और साउथ कोरिया ने संयुक्त रूप से इस वर्ल्ड कप के मेजबानी की थी। इस वर्ल्ड
कप के हीरो रहे थे ब्राज़ील के रोनाल्डो जिन्होंने पुरे टूर्नामेंट में 8 गोल किये थे और इस अवार्ड पर
अपना हक़ जमाये। फाइनल में भी रोनाल्डो का ही जलवा था जब ब्राज़ील ने जर्मनी को हराया। इस
मैच में दोनों गोल रोनाल्डो ने ही किये थे।
जर्मनी के मिरोस्लाव क्लोसे (Miroslav Klose)ने इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 5 गोल किये थे।
इस प्रकार उन्हें गोल्डन शू प्रदान किया गया। उनके इस प्रदर्शन के बावजूद जर्मनी फाइनल नहीं
जीत पाई। जर्मनी में हुए इस टूर्नामेंट में इटली ने चौथी बार विश्व कप पर अपना कब्ज़ा जमाया।
साउथ अफ्रीका में हुए इस विश्व कप मुकाबले में गोल्डन शू का नाम बदल कर गोल्डन बूट कर दिया
गया। इस टूर्नामेंट में स्पेन ने नीदरलैंड को 1 -0 से हरा कर विश्व विजेता का ख़िताब हासिल
किया। इस टूर्नामेंट में गोल्डन बूट जर्मनी के थॉमस मुलर को दिया गया उन्होंने 5 गोल किये थे।
अबकी बार मेज़बानी का अवसर ब्राज़ील को मिला था। कोलम्बिआ के जेम्स रोड्रिगुएज(James
Rodriguez) ने पुरे टूर्नामेंट के दौरान 5 गोल किये जिसके वजह से उन्हें गोल्डन बूट का अवार्ड
दिया गया। इस बार जर्मनी विश्व विजेता का ख़िताब जीता जब उसने फाइनल में ब्राज़ील को 7 -1
से हराया।
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