हिंदी में एक बहुत ही प्रसिद्ध कहावत है "जाके पाँव न फटी बेवाई सो क्या जाने पीर पराई " अर्थात जिसके पावों में फटी बेवाई न हो वह दूसरे की फटी एड़ियों के दर्द को क्या समझेगा। कुल मिलाकर जो व्यक्ति दर्द से गुजरा हुआ है वही व्यक्ति दूसरे का दर्द समझ सकता है। कहावतों के तो व्यापक अर्थ होते हैं पर हम यहाँ उसी फटी बेवाई यानि फटी एड़ियों की समस्या तथा उससे होने वाली तकलीफों की चर्चा करेंगे। एड़ियों का फटना एक सामान्य बीमारी है जो किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है। इसमें व्यक्ति की एड़ियों में दरारें आ जाती हैं। दरारों की वजह से जहाँ एक ओर तो जहाँ एड़ियां देखने में बुरी लगती हैं वहीँ इनमे कई बार बहुत दर्द होने लगता है।
क्रैक हील या बेवाई क्या है
एड़ियों का फटना या क्रैक हील एक आम समस्या है। वैसे तो यह बीमारी किसी को भी हो सकती है पर इसे ज्यादातर महिलाओं में इसे देखा जाता है। यह प्रायः सर्दियों में बढ़ जाती है। ऐसा पैरों में खुश्की या रूखापन की वजह से ज्यादा होता है इसमें एड़ियों में मॉइस्चराइजर की कमी होने लगती है। इसकी एक वजह है पैर के तलवों में तेल की ग्रंथियां नहीं होती हैं सिर्फ पसीने की ग्रंथियां होती हैं। सर्दी के मौसम में जब पसीना नहीं निकलता तो एड़ियों में नमी कम हो जाती है और इस वजह से त्वचा बेजान, खुरदुरी और मृतप्रायः हो जाती है. यही त्वचा सुख कर चटकने लगती है और उसमे दरारें पड़ने लगती हैं। इन्ही दरारों को बेवाई या एड़ी का फटना कहते हैं। कई बार ये दरारें गहरी होकर दर्द देने लगती हैं। इन दरारों से कई बार रक्त भी बहने लगता है।
एड़ियों का फटना या क्रैक हील क्यों होता है
फटी एड़ियों की बीमारी किसी को भी हो सकती है। यह कई कारणों से हो सकता है। लेकिन इन वजहों से यह ज्यादा होता है
- रूखी त्वचा होना
- शरीर का वजन ज्यादा होना
- अधिक देर तक खड़े हो कर काम करना
- मधुमेह या किसी अन्य बीमारी जैसे सोरायसिस,एक्ज़िमा या थायराइड की वजह से
- सख्त या कठोर फर्श पर नंगे पाँव रहना
- पौष्टिक भोजन की कमी होना
- पीछे से खुली सैंडल या गलत फिटिंग के जुटे पहनना
- शुष्क वातावरण का होना
- पैरों की उचित देखभाल न होना
क्रैक हील या बेवाई के लक्षण
- एड़ियों के पिछले हिस्से में दरार पड़ना
- एड़ी का एकदम शुष्क होना
- दरारों में दर्द और जलन होना
- कभी कभी दरारों में खून का आना
- एड़ियों से त्वचा का छूट छूट के निकलना
क्रैक हील से वैसे तो बहुत नुकसान नहीं है पर यह एड़ियों को बदसूरत बनाती हैं। पर हाँ यदि लापरवाही की जाय तो दरारों में जख्म हो सकता है जिसमे संक्रमण होने का खतरा होता है। मधुमेह या डायबिटीज वाले रोगियों में स्थिति और भी खराब होती है।
क्रैक हील का उपचार
क्रैक हील से सामान्य दिनचर्या में कोई परेशानी नहीं होती पर चूँकि एड़ियां बदसूरत लगती हैं और यह स्थिति आपके व्यक्तित्व पर प्रभाव डालता है तो इसकी चिंता करना स्वाभाविक है। इसके अलावे ज्यादा दरार होने पर जब दर्द होता है और खून रिसने लगता है या उसमे संक्रमण होने लगता है तो इसका उपचार आवश्यक हो जाता है। अगर ऐसी स्थिति हो तो डॉक्टर से अवश्य ही मिलना चाहिए।
क्रैक हील की समस्या का हालाँकि कोई स्थाई इलाज संभव नहीं होता है तो भी पैरों की उचित देखभाल करके इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
क्रैक हील की समस्या से छुटकारा पाने के कुछ घरेलु उपाय
क्रैक हील न हो इसके लिए जरुरी है कि पावों की नियमित देखभाल की जाये। फिर भी यदि क्रैक हील की समस्या हो रही है तो ये उपाय अपनाकर उससे न केवल छुटकारा पाया जा सकता है बल्कि आप अपनी एड़ियों को कोमल, चिकनी और खूबसूरत बना सकते हैं
- एड़ियों को थोड़ी देर तक गुनगुने पानी में डुबो कर रखें फिर इसे झावाँ या किसी स्क्रबर से रगड़ें। ऐसा करने से एड़ियों में मौजूद डेड स्किन हट जाती है और त्वचा मुलायम हो जाती है।
- एड़ियों में नमी की मात्रा बनाये रखने के लिए एड़ियों में रोज रात को सोते सामान्य पर्याप्त मात्रा में
और चिकनी हो जाती है।
- पका केला और नारियल को पीस कर उसका पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को एड़ियों पर लगा कर करीब बीस मिनट छोड़ दें। इसके बाद एड़ियों को रगड़ कर धो लें। इससे एड़ियां नरम और मुलायम होंगी तथा क्रैक ख़त्म हो जायेंगे। इस प्रक्रिया को प्रतिदिन करने से हील क्रैक की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
- रात के सोने के पहले गुनगुने पानी में थोड़ा साबुन मिलकर उसमे एड़ियां डालें। करीब पंद्रह मिनट के बाद इसे रगड़ कर साफ़ करलें। इसके बाद सुखा लें। अब एक चम्मच वेसलीन में एक नीबू निचोड़ कर उसे खूब मिला लें। इस पेस्ट को एड़ियों में खूब अच्छी तरह से लगालें। फिर मोज़े पहन कर सोयें। कुछ दिनों तक इस प्रक्रिया को करें। आपकी बिवाइयां एकदम से गायब हो जाएँगी और पैर मुलायम और सुन्दर दिखेंगे।
- नीम की दस पन्द्र पत्तियों को पीस लें। इसमें दो चम्मच हल्दी मिला कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सुबह शाम एड़ियों पर खूब अच्छी तरह लगाकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें। फिर एड़ियों को अच्छी तरह रगड़ कर धो लें। ऐसा करने से एड़ियों के सारे जख्म ठीक होकर एड़ियां कोमल और चिकनी हो जाएँगी।
- एक छोटी कटोरी से एक चौथाई कटोरी चावल का आटा, दो चम्मच शहद आधा चम्मच एप्पल सिडार सिरका और आधा चम्मच ओलिव आयल खूब अच्छी तरह से मिला लें। अब एड़ियों को दस मिनट गुनगुने पानी में भिंगो कर रखें। इसके बाद इस पेस्ट से एड़ियों को खूब रगड़े। यह प्रक्रिया सुबह शाम करें। ऐसा करने से पुरानी दरारें भर जाएँगी और नहीं दरारें नहीं बनेंगी।
- यदि आपको बिवाइयां ज्यादा होती हैं तो एक कच्चा पपीता लें। इसे मिक्सर में पीस लें। अब इसमें तीन चम्मच सरसो का तेल और तीन चम्मच हल्दी मिला लें। इस पेस्ट को हलके आंच पर अच्छी तरह सेंक लें। अब आधा टब गुनगुने पानी में अपने पैरों को दस मिनट तक डुबों कर रखें। फिर एड़ियों को झावाँ से रगड़ कर अच्छी तरह साफ़ करलें। पैरों को अच्छी तरह सुखाकर उसपर यह पेस्ट लगाकर पट्टी बाँध दें। इसे हर दूसरे दिन करें। करीब पांच से छह दिन में आपकी समस्या ख़त्म हो जाएगी।
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