Dubai: Duniya Ki Sabse Unchi Buildingon Ka Shahar


दुबई का नाम आते ही दिमाग में एक ऐसे शहर का ख्याल आता है जो चकाचौंध से भरपूर हो , जहाँ चौड़ी चौड़ी सड़कें हों जिन पर महँगी महँगी गाड़ियां पूरी स्पीड से दौड़ रही हों, सर से पांव तक सफ़ेद कपड़ों में लिपटे शेख हों और जहाँ अकूत दौलत हो, जहाँ आसमान से बातें करती ऊँची ऊँची अट्टालिकाएं हों  ।
दुबई ने मात्र पांच दशकों में ही तरक्की और विकास की जो मिसाल कायम की है वह अपने आप में किसी आश्चर्य से कम नहीं है।  दुबई ने साबित कर दिया है की बुलंद इरादें और दूर दृष्टि हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। आइये जानते हैं दुनिया के इस अदभुत और लाज़वाब शहर के बारे में वो सब जो इसे दुनिया का एक अनोखा स्थान बनाते हैं।

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दुबई किस देश में है

दुबई UAE यानि संयुक्त अरब अमीरात के सात राज्यों में से एक राज्य है जिसे अमीरात बोला जाता है। यह भले ही संयुक्त अरब अमीरात का एक हिस्सा है फिर भी यह कई मामलों में उससे काफी अलग है। यहाँ अन्य इस्लामिक देशों की तरह पाबंदियां नहीं हैं। यहाँ आकर आपको बिलकुल ही महसूस नहीं होगा कि आप एक इस्लामिक देश में हैं बल्कि आपको ऐसा लगेगा जैसे आप न्यूयोर्क या मुंबई में हैं। यदि आपको अरबी नहीं आती तो भी आपका काम रुकेगा नहीं क्योंकि यहाँ पर आपको भारत के हर प्रान्त के लोग मिल जायेंगे।
दुबई में UAE  के अन्य राज्यों की तरह कानून, सेना, राजनैतिक व्यवस्था और आर्थिक नीतियों के लिए एक संघीय व्यवस्था है परन्तु इसके साथ ही यहाँ के हर राज्य को नागरिक कानून, व्यवस्था और स्थानीय रख रखाव, विकास आदि कुछ मामलों में क्षेत्राधिकार हासिल है। यहाँ की शासन प्रणाली संवैधानिक राजतन्त्र है जिसके अमीर मोहम्मद बिन राशिद मकतूम और राजकुमार हमद बिन मोहम्मद अल मकतूम है।

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दुबई की स्थापना और इतिहास

प्राचीन काल से ही दुबई व्यापार का केंद्र रहा है।  इसकी स्थापना UAE  की स्थापना के करीब 150 साल पहले की मानी जाती है। यहाँ सोलहवीं शताब्दी में तुर्क साम्राज्य का शासन रहा था बाद में सत्रहवीं शताब्दी में बानी यास का शासन रहा। 19 वीं शताब्दी की शुरुवात में इनके वंशज अल अबू फालसा परिवार ने दुबई की स्थापना की थी। अल मकतूम को दुबई का संस्थापक माना जाता है। 1873 से लेकर 1947 तक यह ब्रिटिश भारत के द्वारा शासित होता था जो बाद में 1971 तक इंग्लैंड के विदेश विभाग द्वारा संचालित होने लगा।  2 दिसंबर 1971 में इसे आज़ादी मिली।
दुबई पहले अपने मोतियों के उत्पादन के लिए मशहूर था। यहाँ समुद्री तटों पर खूब मोती मिलते थें किन्तु साठ के दशक में पेट्रोल की खोज के बाद स्थिति बदल गयी। पेट्रोल ने दुबई को बदल के रख दिया और छोटा सा शहर दुबई आज विश्व के बड़े और विक्सित शहरों से मुकाबला कर रहा है।

दुबई की भौगोलिक स्थिति

दुबई फारस की खाड़ी के दक्षिण में स्थित अरब प्रायःद्वीप पर बसा हुआ है। इसके दक्षिण में आबू धाबी, दक्षिण पूर्व में ओमान, उत्तर पूर्व में शारजाह और पश्चिम में फारस की खाड़ी है। इसका 1500 मील का क्षेत्र समुद्र से घिरा हुआ है। दुबई का क्षेत्रफल लगभग 4114 वर्ग किमी है। यह UAE में आबू धाबी के बाद दूसरा बड़ा शहर है।
दुबई और समुद्र में बड़ा ही ख़ास रिश्ता है। कहने का मतलब है कि  दुबई की भौगोलिक स्थिति इस प्रकार है कि आप दुबई में हर तरफ समुद्र को पा सकते हैं। यहाँ की जमीने मरुस्थलीय है। यह अरेबियन रेगिस्तान में बसा हुआ है। वनस्पति के नाम पर पहले यहाँ केवल हरी घास और खजूर के पेड़ मिलते थे किन्तु अब काफी मात्रा में फूलों के पेड़ भी लगाए गए हैं।

दुबई की जनसँख्या कितनी है

जनसँख्या की दृष्टि से दुबई UAE का सबसे बड़ा अमीरात है। यहाँ की जनसँख्या लगभग 2106177 (2013 की जनसँख्या के अनुसार) है। इस शहर में मूल निवासियों की जनसंख्या कुल जनसंख्या की मात्र 17 प्रतिशत ही है। बाकि सारे लोग प्रवासी हैं। इन प्रवासियों में भारतियों की संख्या सबसे ज्यादा है।

क्या दुबई की अर्थ व्यवस्था का आधार पेट्रोल है ?

पेट्रोल की खोज ने दुबई को समृद्ध बनाया पर यहाँ के शासकों की दूरदृष्टि ने इसे वैभवशाली और अनूठे शहर में बदल दिया। रेगिस्तानी प्रदेश होने के बावजूद आपको यहाँ हरियाली दीख जाएगी।  दुबई आज उस मुकाम पर है कि पेट्रोल उसकी जीडीपी का मात्र 6 प्रतिशत ही भागेदारी निभाता है।  कहने का मतलब है कि पेट्रोलियम के समाप्त होने पर भी दुबई की सेहत पर बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है।  दुबई आज विश्व व्यापार का केंद्र बन चूका है।

बुर्ज खलीफा: दुनिया की सबसे ऊँची इमारत 

दुबई को गगनचुम्बी इमारतों का शहर कहा जाता है। यहाँ एक से एक ऊँची बिल्डिंगें मिल जाएँगी। एक समय था जब दुबई में सिर्फ एक ही गगनचुम्बी इमारत थी और वह समय था 1990 का, इस समय तक यहाँ केवल वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ही सबसे ऊँची बिल्डिंग थी। आज स्थिति यह है कि केवल शहर में ही 911 से ज्यादा ऊँची इमारते हैं इनमे से 156 गगनचुम्बी इमारतें हैं। बुर्ज खलीफा भी इन्ही में से एक है। यह दुनिया की सबसे ऊँची इमारत है। इसकी ऊंचाई 828 मीटर से भी ज्यादा है और इसमें 163 फ्लोर हैं। यह इतनी ऊँची है कि सबसे ऊपर की मंज़िल और सबसे नीचे की मंज़िल के लोगों के रोज़े खोलने के समय में लगभग 2 मिनट का फर्क हो जाता है।  इस बिल्डिंग को करीब 95 किमी दूर से भी स्पष्ट देखा जा सकता है। दुनिया की सबसे तेज चलने वाली लिफ्ट इसी बिल्डिंग में है। बुर्ज खलीफा को शुरू में बुर्ज दुबई कहा जाता था। किन्तु इसे बाद में UAE के शेख खलीफा बिन ज़ायेद अल मकतूम के सम्मान में इसका नाम बुर्ज खलीफा रखा गया। इसकी एक वजह भी थी जब वैश्विक आर्थिक मंदी की वजह से एक समय ऐसी स्थिति आ गयी थी कि लग रहा था कि बुर्ज खलीफा अधूरा ही रह जायेगा। उस समय शेख  ने आर्थिक मदद का इसे पूरा करवाया। बुर्ज खलीफा का आकार दुबई में पाए जाने वाले एक फूल जिसका नाम hymenoucallis है की तरह है। अंतरिक्ष से देखे जाने पर यह इस फूल की तरह दीखता है इस बिल्डिंग का आधार अंग्रेजी के Y अक्षर की तरह है।

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दा वर्ल्ड ऑफ़ क्रीक हर्बल दुनिया की सबसे ऊँची निर्माणाधीन इमारत

दुनिया की सबसे ऊँची इमारत बुर्ज खलीफा की बादशाहत अब ख़त्म होने वाली है क्योंकि दुबई में एक और नई बिल्डिंग दा वर्ल्ड ऑफ़ क्रीक हर्बल बन रही है जिसकी ऊंचाई लगभग 1000 मीटर है यह बिल्डिंग 2020 में बनकर तैयार हो जाएगी।

पाम जुमेरराह और अन्य कृत्रिम द्वीप

दुबई दुनिया के सबसे बड़े कृत्रिम टापुओं का शहर है। यहाँ पाम जुमेरराह दुनिया के सबसे बड़े कृत्रिम टापुओं में से एक है। यह पाम के पेड़ के आकार में बसाया गया है जिसमे पत्तियों के आकार में द्वीप विस्तार है जबकि मुख्य तना की जगह प्रवेश द्वार है। इस द्वीप के सभी भागों से समुद्र का बहुत ही सुन्दर और निकट का नज़ारा दीखता है। यही कारण है कि यहाँ पॉश कॉलोनियां और महंगे होटल बहुतायत में हैं। पाम जुमेरराह की तर्ज पर एक और पाम जेबेल अली का भी निर्माण हो रहा है जो आकार में पाम जुमेरराह से बड़ा होगा। इसका निर्माण 2008 की आर्थिक मंदी की वजह से लगभग दस वर्षों तक रूक गया था।
दुबई में कृत्रिम टापुओं की एक और श्रंखला है जिसमे करीब तीन सौ  द्वीप विश्व के मानचित्र की तरह बने हुए हैं। इन्हें विश्व द्वीप समूह का नाम दिया गया है। यह प्रोजेक्ट भी आर्थिक मंदी की वजह से पूरा नहीं हो पाया. हालाँकि अब इसपर कार्य शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।  इसमें वेनिस की तरह नहरों और गोंडालों, तैरते हुए होटल आदि के प्रोजेक्ट शामिल थे।


द डायनेमिक टावर

दुबई के आश्चर्यजनक प्रोजेक्ट्स में से एक द डायनामिक टावर भी है।  इस इमारत की विशेषता है कि उसकी हर मंज़िल घूम सकती है। इसकी ऊंचाई 420 मीटर होगी और इसमें 80 फ्लोर होंगे।  इसके 2020 तक कम्पलीट होने की संभावना है। इसकी डिज़ाइन इस प्रकार की गयी है कि इसके हर फ्लोर को रोटेट किया जा सकता है। यह 6 मीटर प्रति मिनट या 180 मिनट में एक कम्पलीट रोटेशन कर सकेगी।  प्रत्येक दो फ्लोरों  के मध्य टरबाइन लगायी जाएगी जो पवन ऊर्जा से चलेगी।  इसके साथ ही सोलर पैनल से भी बिजली बनायीं जाएगी।  इन दोनों स्रोतों से इतनी बिजली पैदा होगी कि न केवल इस इमारत  की बल्कि कई अन्य बिल्डिंगों की भी विद्युत् की जरुरत पूरा कर सकेगी।

दुबई मॉल : दुनिया  का सबसे बड़ा मॉल

दुबई को शॉपिंग सेंट्रल ऑफ़ द मिडिल ईस्ट भी कहा जाता है।  इसका कारण है की यहाँ शॉपिंग सेंटर्स की भरमार है।  दुबई शहर में ही 70 से ज्यादा शॉपिंग सेण्टर हैं।  यहाँ सोने की जबरदस्त खरीदारी होती है। 2013 में यहाँ लगभग 396 हाथियों के वजन के बराबर सोने का व्यापार हुआ था।  इनके अलावे दुबई मॉल दुनिया का सबसे बड़ा मॉल है।  इस मॉल में 1200 से भी ज्यादा दुकानें हैं।  इस मॉल में सोने की करीब 300 दुकानें हैं।  इन दुकानों में हर समय दस टन सोना मौजूद रहता है।  इस मॉल में दुकानों के अलावा रेस्टोरेंट और मनोरंजन सेण्टर भी हैं।  इस मॉल में इस रेगिस्तानी प्रदेश में भी आप बर्फ  ले सकते हैं और स्केटिंग कर सकते हैं।

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दुबई और यातायात

दुबई में यातायात के लिए लोग मुख्यतः सड़क पर ही निर्भर करते हैं।  यहाँ की सड़कें खूब चौड़ी चौड़ी होती हैं जिसमे अलग अलग स्पीड से चलने के लिए अलग अलग लेन बने होते हैं।  यहाँ के सडकों पर एक से एक बेहतरीन और महँगी कारें दिख जाएँगी।  यहाँ स्पोर्ट्स कार की भरमार है।  फेरारी, लैम्बोर्गिनी जैसी गाड़ियां एकदम आम बात है।  यहाँ तक कि  आपको गोल्ड प्लेटेड कारें भी दिख जाएँगी। यातायात के दूसरे साधन के रूप में यहाँ दुबई मेट्रो है। दुबई मेट्रो का विस्तार दुबई में 74. 69  किमी तक हो गया है।  यहाँ बिना ड्राइवर की मेट्रो ट्रैन भी चलती है।  दुबई मेट्रो का निर्माण मात्र पौने दो सालों में कर लिया गया था। इतने समय में ही इसके 42 स्टेशन बना लिए गए थे।  दुबई मेट्रो की दो लाइन रेड लाइन और ग्रीन लाइन है।  कुछ और लाइन्स निर्माणाधीन है। दुबई मेट्रो गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल है।  यातायात के अन्य साधन के रूप में यहाँ की विमानन सेवा है। यहाँ से विश्व के लगभग सभी देशों के लिए उड़ानें हैं।

दुबई संग्रहालय

दुबई के इतिहास को जानना है तो आपको दुबई संग्रहालय जाना होगा।  यह संग्रहालय दुबई की सबसे पुरानी इमारत फहीदी में स्थित है।  इस इमारत  का निर्माण 1799 में किया गया था।  संग्रहालय से पता चलता है कि दुबई कभी मोती उत्पादन का केंद्र था। 1930 तक यहाँ से मोती निर्यात किया जाता था। मोती निकालने के लिए मजदूरों के पैर में रस्सी बांध कर तथा उनके नाक में क्लिप लगाकर उन्हें तीन मिनट के लिए समुद्र में फेंक दिया जाता था। इन्ही तीन मिनटों में उन्हें सीप चुनना पड़ता था। फिर उन्हें रस्सियों के सहारे ऊपर खींच लिया जाता था। इस प्रायःद्वीप पर इस्लाम के पूर्व की बहुत कम जानकारी मिलती है पर ज्ञात होता है कि नृत्य और संगीत वहां के लोगों के जीवन का अहम् हिस्सा थे।  वे प्रायः नृत्य करते समय बकरी के खुरों को अपने कमर में बांध लेते थे। खुरों के आपस में टकराने से संगीत उत्पन्न होता था।


दुबई जीरो क्राइम वाला शहर

दुबई जीरो क्राइम क्षेत्र माना जाता है। यहाँ के सख्त कानून व्यवस्था की वजह से अपराधी अपराध करने की जुर्रत नहीं कर पाते। यहाँ जगह जगह हर सड़क पर कैमरे लगे हुए हैं पर आपको कहीं पुलिस नज़र नहीं आएगी। कोई भी अपराध किया नहीं की कैमरे की नज़र में आ जाता है। पुलिस स्टेशन पर भी आपको पुलिस नहीं या बहुत कम नज़र आएगी। सारा काम आटोमेटिक है। आपको कोई कम्प्लेन दर्ज कराना भी है तो वह सारा काम आटोमेटिक तरीके से दर्ज हो जायेगा। यहाँ पुलिस तो बहुत कम है पर जो भी है पूरी हाई टेक है। यहाँ की पुलिस के पास सुपर कार जैसे फेरारी, बैंटले और लैम्बॉर्गिनो जैसी कारें होती हैं।
यहाँ नियम तोड़ने पर तुरत कार्रवाई होती है। गलत पार्किंग किये, सिग्नल तोड़े या स्पीड लिमिट का पालन नहीं किये तो तुरंत आपके पास जुर्माने का मैसेज आ जाता है। फाइन भी इतनी ज्यादा होती है कि जल्दी कोई नियम तोड़ने की हिम्मत नहीं करता।

दुबई के होटल्स

दुबई पर्यटन की दृष्टि से एक अच्छा स्थान है। यहाँ कई ऐसे स्थान हैं जो न केवल अनूठे हैं बल्कि हैरतअंगेज भी हैं। यही कारण है कि पर्यटक बरबस ही खींचे चले आते हैं। विशाल समुद्र तट हो या बुर्ज खलीफा हो , दुबई मॉल हो या फिर सैंड सफारी।  दुबई हमेशा पर्यटकों से भरा हुआ रहता है।  यहाँ दुनिया के कई नामी होटल मिलते हैं जो अपनी भव्यता, सौंदर्य और लग्जरी के मामले में पूरी दुनिया में विख्यात हैं।  होटल ग्रैंड हयात, होटल सैंड शाइन दुबई के सौंदर्य में नगीने के सामान हैं।  यहाँ कई फाइव स्टार और सेवन स्टार के लग्जरी होटल्स हैं।

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दुबई एक्वैरियम और अंडरवाटर ज़ू

दुबई के अन्य पर्यटन स्थलों में से एक है दुबई एक्वैरियम एंड अंडर वाटर ज़ू।  यह दुबई मॉल के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित है। यह दुबई मॉल के तीसरे फ्लोर तक ऊँचा है।  इसमें 140 प्रजाति के करीब 33000 समुद्री जीव रखे गए हैं। इसमें सैंड टाइगर शार्क के अलावा तरह तरह के जीवों को एक ही स्थान से देखा जा सकता है। इस एक्वेरियम की क्षमता दस मिलियन लीटर की है। इसमें 48 मीटर  लम्बी सुरंग है जिसके अंदर चलकर अपने चारों ओर समुद्री जीवों को देखा जा सकता है।  इस सुरंग में घूमते हुए लगता है जैसे हम भी उन्ही जीवों के साथ समुद्र में जीवन जी रहे हैं।  कभी बगल से कोई मछली गुजरती है तो कभी सर के ऊपर से कोई शार्क आती हुई दीखती है। इस एक्वेरियम में शीशे के बोट के माध्यम से टैंक के अंदर जाकर जीवंत नज़ारा देखने की भी व्यवस्था है जिसमे ऑक्सीजन की व्यवस्था होती है।





डांसिंग फाउंटेन

दुबई में कोई आये और डांसिंग फाउंटेन को न देखे ऐसा बहुत कम ही संभव है। यह फव्वारा बुर्ज खलीफा लेक में स्थित है। इसमें 6600 लाइट्स और 50 रंगीन प्रोजेक्टर लगे हुए हैं। यह 275 मीटर लम्बा है और इसके फव्वारे 500 फ़ीट ऊंचाई तक पानी फेंक सकते हैं। दुबई फाउंटेन एक बार में 22000 गैलन पानी स्प्रे कर सकता है। इसमें पांच वृताकार और दो आर्क के आकर में फव्वारे लगे हुए हैं। यह फव्वारा अरबी और अन्य संगीत पर कोरिओग्राफ किया गया है। यह फव्वारा जब संगीत की धुन पर रंग बिरंगी लाइट्स के साथ थिरकता है तो  बहुत ही मनोहारी दृश्य, बहुत ही रोमांटिक माहौल की रचना करता है। लोग मंत्रमुग्ध होकर घंटों इसे निहारते रहते हैं।




डेजर्ट सफारी

दुबई के रेगिस्तान भी पर्यटन उद्योग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दुबई डेजर्ट सफारी उसी का एक हिस्सा है।  इसमें एक जीप में पर्यटकों को विस्तृत रेगिस्तान और बड़े बड़े बालू के टीलों की सैर कराई जाती है। इसके साथ ही ऊंट की सवारी तथा शाम में डिनर के समय बेल्ली डांस का प्रोग्राम रखा जाता है। दूर दूर से सैलानी डेजर्ट सफारी का आनंद लेने आते हैं।



मिरेकल फ्लावर गार्डन और बटरफ्लाई गार्डन

दुबई मानव निर्मित चमत्कारों की धरती है। यहाँ की हर चीज़ किसी चमत्कार से कम नहीं है।  इन्ही चमत्कारों में से एक है दुबई मिरेकल फ्लावर गार्डन।  रेगिस्तान की धरती पर हरियाली और फूल पौधे ऐसा सिर्फ दुबई ही कर सकता है।  दुबई मिरेकल फ्लावर गार्डन दुबई लैंड में स्थित है। यह लगभग 72000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। इसमें 250 मिलियन पौधे और करीब 50 मिलियन फूल हैं। यह दुनिया सबसे बड़ा फूलों का बागीचा है। इतने सारे फूलों को एक करीने से लगा हुआ देखना बहुत ही सुखद और आनंदमय महसूस होता है।
दुबई मिरेकल गार्डन में ही दुबई बटरफ्लाई गार्डन है जहाँ 26 प्रजातियों की  15000  तितलियाँ मौजूद हैं। यह बटरफ़्लया गार्डन दुनिया का सबसे बड़ा बटरफ़्लया गार्डन है।


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दुबई के बारे में कुछ अन्य रोचक तथ्य

  • दुबई अन्य इस्लामिक देशों के मुकाबले काफी खुला हुआ समाज है।  यहाँ औरतें मस्जिद में जा सकती हैं और बहार काम कर सकती हैं। यहाँ के निवासियों के लिए हालाँकि शराब के लिए लाइसेंस लेना पड़ता है फिर भी दुबई में कई बार हैं जहाँ खूब शराब परोसी जाती हैं। 
  • दुबई में सभी गाड़ियां सड़क के दाहिनी ओर चलती हैं। 
  • यहाँ पानी से सस्ता कोल्डड्रिंक मिलता है। 
  • यहाँ पुरुष को शेख और महिलाओ लो शेखा कहा जाता है। 
  • दुबई में कोई इनकम टैक्स नहीं लगता है। 
  • दुबई में एटीएम से सोने के सिक्के भी निकाले जा सकते हैं। 
  • यहाँ गर्मी बहुत ज्यादा पड़ती है। इसलिए सारी बिल्डिंगें, दुकानें, होटल, गाड़ियां यहाँ तक कि  बस स्टॉप भी एयर कंडिशन्ड होते हैं। 
  • यहाँ सडकों पर दुपहिया वहां बहुत ही कम दीखते हैं। सड़कें महंगी महँगी कारों से भरी रहती है।  यहाँ पैदल चलने वाले इक्का दुक्का होते हैं। इसके बावजूद नियम में उनको काफी सहूलियत दी गयी है। हर ज़ेबरा क्रासिंग पर एक स्विच लगा होता है जिसे ऑन  करके ट्रैफिक को रोका जा सकता है और फिर पार करके उसे ऑफ करके ट्राफ्फिक चालू किया जा सकता है। 
  •  यहाँ की सडकों पर कोई हॉर्न नहीं बजाता। यातायात के नियम इतने सख्त हैं कि किसी को हॉर्न बजाने की जरुरत ही नहीं पड़ती। इसलिए यहाँ ध्वनि प्रदुषण नहीं है। 
  • यहाँ ड्राइविंग लाइसेंस पाना बहुत ही कठिन है। इसके लिए बहुत सारे टेस्ट देने पड़ते हैं और शुल्क भी जमा करना पड़ता है। हर तीन साल में लाइसेंस को रेनू कराना पड़ता है।  बिना लाइसेंस के आप टेस्ट ड्राइव भी नहीं कर सकते। 
  • यहाँ पर लोग कुत्ते बिल्ली नहीं बल्कि शेर और चीते पालते हैं। 
  • जल्द ही दुबई का अपना डिज्नीलैंड होगा जो अमेरिका के डिज्नीलैंड से ढाई गुना बड़ा होगा। 
  • यहाँ हमेशा कई निर्माण प्रोजेक्ट्स चलते रहते हैं। इस कारण पूरी दुनिया का 25 प्रतिशत क्रेन यहीं पाया जाता है। 
  • दुनिया की सबसे लम्बी सोने की चेन यहीं है। यह 4.2 किमी लम्बी है और इसका वजन 22 किग्रा है। इसे 9600 लोगों ने मिलकर ख़रीदा था। 


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