पुरे विश्व को शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गाँधी न केवल एक महान नेता थे बल्कि एक महान संत, एक महान चिंतक और एक महान विचारक थे। अकसर लोग उनका केवल एक राजनेता के रूप में उनके पुरे व्यक्तित्व का आकलन करते हैं और यही पर वे गलती कर बैठते हैं। उनकी आलोचना करने के पहले हमें उनके पुरे व्यक्तित्व को समझना होगा एक मानव के प्रति उनके दृष्टिकोण को समझना होगा। इसके साथ ही देश काल और परिस्थितियों को भी सामने रखना होगा। उनके कई फैसले सर्वमान्य नहीं थे किन्तु उनके व्यक्तित्व की विशालता की वजह से स्वीकारे गए।
पेश है महात्मा गाँधी के बारे में 18 रोचक तथ्य :
- महात्मा गाँधी पुरे विश्व में शांति के मसीहा के रूप में जाने जाते हैं किन्तु उन्हें कभी शांति का नोबेल पुरुस्कार नहीं मिला। हालाँकि पांच बार उनका नॉमिनेशन इस पुरस्कार के लिए किया गया था किन्तु कभी भी उन्हें यह पुरस्कार नहीं मिला। आखरी बार 1948 में उनका नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेशन हुआ किन्तु इसी साल उनकी हत्या हो जाने के कारण उन्हें यह पुरस्कार नहीं दिया जा सका चुकि नोबेल पुरस्कार किसी को भी मरणोपरांत देने की कोई परंपरा नहीं है।
- हालाँकि गाँधी जी को नोबेल पुरस्कार नहीं मिला किन्तु उनके दिखाए गए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए विश्व के पांच महान हस्तियों ने समय समय पर यह पुरस्कार प्राप्त किया। अमेरिका के मार्टिन लूथर किंग, तिब्बत के धार्मिक नेता दलाई लामा, म्यांमार की आंग सान सू की, दक्षिण अफ्रीका के नेल्सन मंडेला और अर्जेंटीना के अडोल्फो पेराज़ एस्क्विवेल सब ने नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया और सबने स्वीकारा कि वे महात्मा गाँधी के दर्शन से काफी प्रभावित थे और उनके आंदोलनों में गाँधी का प्रभाव था।
- सत्य और अहिंसा के मार्ग पर हमेशा चलने वाले गाँधी की मौत हिंसा से हुई। 30 जनवरी 1948 को नाथू राम गोडसे नामक व्यक्ति ने अपने रिवॉल्वर से महात्मा गाँधी की हत्या कर दी थी।
- ब्रिटैन जिसके खिलाफ गाँधी जी ने स्वतंत्रता आंदोलन चलाया और अपने मृत्यु के कुछ दिनों पहले तक लड़ते रहे उनकी मृत्यु के 21 सालों के बाद उनके सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया।
- महात्मा गाँधी अपने पुरे जीवन रोज लगभग 18 किलोमीटर प्रति दिन चलते थे जो कि पूरी दुनिया की दो परिक्रमा के बराबर है।
- गाँधी जी अपने समय के विश्व के कई बड़ी हस्तियों से पत्र व्यवहार करते थे जिनमे प्रमुख हैं टॉलस्टॉय, आइंस्टीन , हिटलर आदि।
- स्वातंत्रता दिवस के नेहरू के ऐतिहासिक भाषण ट्रिस्ट ऑफ़ डेस्टिनी के दौरान गाँधी जी उपस्थित नहीं थे।
- गाँधी अपनी मृत्यु के एक दिन पहले कांग्रेस पार्टी को समाप्त करना चाहते थे।
- भारत में छोटी सडकों को छोड़ दिया जाय तो भी उनके नाम पर लगभग 53 सड़के हैं। विदेशो में लगभग 48 मार्ग उनके नाम पर है।
- महात्मा गाँधी के फोटो सभी मूल्यों के नोटों पर 1996 से छपने शुरू हुए।
- महात्मा गाँधी को सर्व प्रथम महात्मा गुरु रविंद्र नाथ टैगोर ने कहा था जब वे शांति निकेतन पहुंचे।
- महात्मा गाँधी को सर्वप्रथम राष्ट्रपिता सुभाष चंद्र बोस ने कहा।
- महात्मा गाँधी के अधिकांश कपड़े और अन्य चीज़ें जो वे अपने जीवनकाल में प्रयोग किया करते थे , गाँधी म्यूजियम मदुरई में सुरक्षित रखे गए हैं।
- महात्मा गाँधी दक्षिण अफ्रीका में 21 सालों तक रहे इस दौरान वे कई बार जेल भी गए।
- महत्मा गाँधी भले ही पुरे देश के लिए राष्ट्रपिता माने जाते हैं पर अपने निजी जीवन में अपने पुत्र हरी लाल के अनुसार वह अपने लिए ऐसे पिता कभी नहीं चाहेंगे। पिता पुत्र में सम्बन्ध बिलकुल ही समाप्त हो चुके थे।
- महात्मा गांधी ने कई बार स्वीकारा है कि अपने जीवन में वे दो व्यक्तियों को समझा नहीं पाए। एक मोहम्मद अली जिन्ना थे और दूसरे उनके पुत्र हरी लाल।
- गाँधी जी ने 1906 ईस्वी में मात्र 37 वर्ष की अवस्था में ब्रह्मचर्य को अपना लिया था।
- अपने ब्रह्मचर्य के परिक्षण के लिए कहा जाता है कि वे अपने आश्रम में कई महिलाओं और लड़कियों के साथ निर्वस्त्र सोते थे।
0 टिप्पणियाँ