उसने पहली गलती तब की थी जब वो छह साल की थी कक्षा में प्रथम आ कर , भाई फेल हो गया था। अतः उसकी पढाई बंद करा दी गयी।
दूसरी गलती उसने यों कर दी कि जिद करके किसी तरह से दुबारा नाम लिखा के स्कुल तो जाने लगी पर कुछ बरसों बाद उसने घर पर बताया की लड़के स्कुल जाते समय फब्तियां कसते है। नतीजा स्कुल फिर छुडवा दिया गया।
समय बिता अब उसकी शादी हो गयी थी। उसे लगा की सब कुछ अब ठीक ठाक चलेगा पर यहाँ भी उससे एक गलती हो गयी अपने साथ वो ढेर सारा दहेज़ नहीं ले गयी थी अतः उसे घर से निकाल दिया गया और वह मायके आ के बैठ गयी।
इस बीच माँ बाप मर गए और सारी जिम्मेवारी भाई भाभियों की हो गयी। तभी एक गलती और हो गयी जब उसने अपनी उल्टियों का राज बताया तो वो बड़े बाप का बेटा निकला। नतीजन उसे घर से निकाल दिया गया। अब उसका जीवन उथल पुथल हो गया था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। तभी एक सभ्य सी दिखने वाली महिला ने साथ चलने को कहा तो बहुत सोच समझ के उसने हां कहा और उसके साथ चली गयी।
लेकिन उसने तय कर लिया था की अब कोई गलती नहीं करनी है।
अब उसके जीवन में ठहराव एवं स्थायित्व आ गया था।
कुछ बरस बीते। सब कुछ सही चल रहा था तभी अचानक एक दिन उसे चौक पर भीख माँगते देखा। रहा नहीं गया तो उसी सभ्य सी दिखने वाली महिला से पता किया। मालूम चला की अब भी उसी की गलती है उम्र को नहीं बांध सकती तो ग्राहक क्या ख़ाक पटाएगी ?
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