भारतीय समाज में शादी एक महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है। कहा जाता है कि शादी के बिना मनुष्य का जन्म अधूरा है। हिन्दू विवाह दूल्हा दुल्हन के लिए एक धार्मिक अनुष्ठान और एक दूसरे के प्रति वचन लेने का रस्म है जिसमे हमेशा साथ रहने और एक दूसरे की जिम्मेवारियों को निभाने के वचन लिए जाते हैं। यह जीवन में सबसे बड़ी ख़ुशी का अवसर भी होता है। अतः इसे एक उत्सब की तरह मनाया जाता है। यही कारण है कि इसमें साज श्रृंगार का बहुत महत्त्व होता है। लड़कियां इस दिन अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ श्रृंगार करना चाहती हैं। इन सारे श्रृंगारों में सोलह श्रृंगार का बहुत महत्त्व है। आइए देखते हैं ये सोलह श्रृंगार कौन कौन से होते हैं
श्रृंगार सामग्री के आधार पर यह चार तरह का होता हैरंग से सम्बन्धी श्रृंगार
- कुमकुम और बिंदी : दुल्हनों और शादी शुदा लड़कियों के लिए यह एक अनिवार्य श्रृंगार है। इसे सिंदूर से दोनों भौओं के बीच लगाया जाता है। आजकल इसकी जगह रेडीमेड बिंदी ने ले लिया है।
- सिंदूर : यह लड़कियों के लिए शादी की निशानी होती है। इसे सर्वप्रथम दूल्हा लड़की की मांग में लगाता है।
- काजल : इसे सुरमा भी कहते हैं। इसे दिए की कालिख से तैयार किया जाता है। इससे आँखों की सुंदरता बहुत ही ज्यादा बढ़ जाती है। आजकल काजल के रेडीमेड पेंसिल भी मिलने लगे हैं।
- लिपस्टिक या ओठलाली : इससे दुल्हन अपने होठों का श्रृंगार करती हैं। इसे प्रायः लाल रंग का होने की वजह से इसे ओठलाली भी कहा जाता है।
- महावर या अलता : दुल्हन के पैरों की एड़ियों और तलवों के चारों और लाल रंग के महावर लगाए जाते हैं।
- मांगटीका : इसे मांग के ऊपर पहना जाता है। यह एक आभूषण होता है जो प्रायः सोने का होता है।
- नथिया : यह नाक के बाएं भाग में पहना जाता है। यह भी एक आभूषण है। कई बार यह नाक से लेकर कान तक महीन जंजीरों से जुड़ा रहता है।
- हार : यह गले में पहना जाने वाला एक आभूषण है जो गले के साथ साथ पुरे चेहरे की सुंदरता को बढ़ा देता है।
- कर्णफूल : इसे झुमका भी कहा जाता है। यह कानों में पहना जाने वाला आभूषण है।
- चूड़ियां : चूड़ियाँ दोनों हाथों में पहनी जाती है। यह प्रायः शीशे की बनी होती है। कभी कभी सोने की चूड़ियां भी पहनी जाती है।
- अंगूठी और आरसी : इसे हाथों की उँगलियों में पहना जाता है। यह प्रायः सोने का होता है जिसमे कीमती पत्थर जड़े होते हैं।
- कमरबंद : इसे करधन भी कहा जाता है। यह कमर के चारों ओर पहना जाता है। यह सोने तथा चांदी के बनते हैं।
- पायल तथा बिछुआ : पायल पैरोँ में तथा बिछुए पैर की उँगलियों में पहना जाता है। ये प्रायः चांदी के बने होते हैं।
- केशपाशरचना : यह बालों को सजाने का आभूषण है। बालों को इसके अलावा फूलों के गजरों से भी सजाया जाता है।
- मेहंदी तथा गजरे : दोनों हथेलियों को सजाने के लिए मेहंदी से सुन्दर चित्रकारी की जाती है। मेहंदी का लाल रंग हथेलियों को बहुत ही आकर्षक बना देता है। वहीँ गजरे फूलों के बने होते हैं और बालों की शोभा बढ़ाते हैं।
- शादी का जोड़ा : यह सुर्ख लाल रंग की पोशाक होती है जिसे दुल्हनें शादी के समय पहनती हैं।
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