कील मुंहासे या पिम्पल्स न केवल चेहरे की खूबसूरती को कम करते हैं बल्कि कई बार ये काफी तकलीफदेय भी हो जाते हैं। कील मुंहासो की ज्यादातर समस्या किशोर उम्र के लड़के लड़कियों में होती है जब वे कई तरह के शारीरिक परिवर्तन और विकास के दौर में होते हैं।
कील मुंहासे, पिम्पल्स या एक्ने क्या हैं
अकसर किशोरावस्था में लड़के और लड़कियों के चेहरों पर सफ़ेद, काले या लाल दाने या दाग दिखाई पड़ते हैं। ये दाने पुरे चेहरे पर होते हैं किन्तु ज्यादातर इसका प्रभाव दोनों गालों पर दीखता है। इनकी वजह से चेहरा बदसूरत और भद्दा दीखता है। इन दानों को पिम्पल्स, मुंहासे या एक्ने कहते हैं।
पिम्पल्स किस उम्र में होता है
पिम्पल्स या मुंहासे प्रायः 14 से 30 वर्ष के बीच के युवाओं को निकलते हैं। किन्तु कई बार ये बड़ी उम्र के लोगों में भी देखा जा सकता है। ये मुंहासे कई बार काफी तकलीफदेय होते हैं और कई बार तो चेहरे पर इनकी वजह से दाग हो जाते हैं। चेहरा ख़राब होने से किशोर किसी के सामने जाने से शरमाते हैं तथा हीन भावना से ग्रस्त हो जाते हैं।
पिम्पल्स या मुंहासे प्रायः 14 से 30 वर्ष के बीच के युवाओं को निकलते हैं। किन्तु कई बार ये बड़ी उम्र के लोगों में भी देखा जा सकता है। ये मुंहासे कई बार काफी तकलीफदेय होते हैं और कई बार तो चेहरे पर इनकी वजह से दाग हो जाते हैं। चेहरा ख़राब होने से किशोर किसी के सामने जाने से शरमाते हैं तथा हीन भावना से ग्रस्त हो जाते हैं।
कील मुंहासे, पिम्पल्स या एक्ने के प्रकार
ये पिम्पल्स कई प्रकार के हो सकते हैं। कई बार ये छोटे छोटे दाने के रूप में चेहरे पर निकलते हैं। ऐसे मुंहासे पुरे चेहरे पर खासकर गाल, ललाट, नाक पर ज्यादा होते हैं। ये कंधे और पीठ पर होने के साथ साथ हाथ पर भी हो जाते हैं। कुछ लोगों में ये दाने साइज में अपेक्षाकृत बड़े और पस से भरे होते हैं। इनमे शुरू में लालिमा होती है जो बाद में पीले हो जाते हैं। ये मुंहासे काफी तकलीफ देते हैं। कई बार ये मुंहासे दाग छोड़ जाते हैं। एक और तरह के मुंहासे होते हैं जिन्हे कील कहा जाता है। इस तरह के मुंहासों में एक काली बिंदी की तरह होती है। इन मुंहासों को दबाने से काली बिंदी के साथ साथ पस बाहर आ जाता है और उस स्थान पर एक सुराख दीखता है।
ये पिम्पल्स कई प्रकार के हो सकते हैं। कई बार ये छोटे छोटे दाने के रूप में चेहरे पर निकलते हैं। ऐसे मुंहासे पुरे चेहरे पर खासकर गाल, ललाट, नाक पर ज्यादा होते हैं। ये कंधे और पीठ पर होने के साथ साथ हाथ पर भी हो जाते हैं। कुछ लोगों में ये दाने साइज में अपेक्षाकृत बड़े और पस से भरे होते हैं। इनमे शुरू में लालिमा होती है जो बाद में पीले हो जाते हैं। ये मुंहासे काफी तकलीफ देते हैं। कई बार ये मुंहासे दाग छोड़ जाते हैं। एक और तरह के मुंहासे होते हैं जिन्हे कील कहा जाता है। इस तरह के मुंहासों में एक काली बिंदी की तरह होती है। इन मुंहासों को दबाने से काली बिंदी के साथ साथ पस बाहर आ जाता है और उस स्थान पर एक सुराख दीखता है।
पिम्पल्स क्यों होते हैं
हमारी त्वचा को मुलायम रखने के लिए प्रकृति ने ख़ास इंतेज़ाम किये हैं। हमारे शरीर में त्वचा के नीचे सिबेसियस ग्लांड्स जिन्हे वसा ग्रंथियां भी कहा जाता है, रोम छिद्रों में माध्यम से एक स्राव करती रहती हैं। इस स्राव से त्वचा स्निग्ध रहती है। किसी वजह से जब यह स्राव रूक जाता है और यह त्वचा के नीचे जमा होता रहता है तब यह कठोर होकर दाने के रूप में उभरने लगता है यही दाना पस पड़ने पर मुंहासे या पिम्पल्स कहलाता है।
पिम्पल्स होने के कारण
हमारी त्वचा को मुलायम रखने के लिए प्रकृति ने ख़ास इंतेज़ाम किये हैं। हमारे शरीर में त्वचा के नीचे सिबेसियस ग्लांड्स जिन्हे वसा ग्रंथियां भी कहा जाता है, रोम छिद्रों में माध्यम से एक स्राव करती रहती हैं। इस स्राव से त्वचा स्निग्ध रहती है। किसी वजह से जब यह स्राव रूक जाता है और यह त्वचा के नीचे जमा होता रहता है तब यह कठोर होकर दाने के रूप में उभरने लगता है यही दाना पस पड़ने पर मुंहासे या पिम्पल्स कहलाता है।
पिम्पल्स होने के कारण
जैसा कि हम जानते हैं सिबेसियस ग्लांड्स के स्राव का रुकना ही मुंहासों की मुख्य वजह होती है हमें उन स्थितियों को देखना होगा जब यह नौबत आती है और मुंहासे निकलने लगते हैं
- किशोरावस्था में हमारे शरीर में विकास के दौरान कई हार्मोनल चेंजेज होते हैं। इसकी वजह से चेहरे पर मुंहासे होने लगते हैं।
- कई लोगों की त्वचा तैलीय होती है। ऐसे लोगों को पिम्पल्स ज्यादा होते हैं।
- धुल, मिटटी, प्रदुषण की वजह से भी मुंहासे निकल आते हैं।
- जो लोग ज्यादा कॉफ़ी या चाय पीते है उनको मुंहासे निकलने के चांस ज्यादा होते हैं। ज्यादा कॉफी या चाय पीने से शरीर में सीबम बनता है जो मुंहासों की वजह बनता है।
- धूम्रपान और शराब पीने की वजह से भी मुंहासे होते हैं।
- जिनकी त्वचा एकदम ड्राई होती है उनको भी मुंहासे निकलने लगते हैं।
- कई बार मुंहासों की वजह जेनेटिक भी होती है। कहने का मतलब यह है कि पिम्पल्स माँ बाप को यदि था तो उनकी संतानों में भी होने की संभावना होती है।
- दवाओ के ज्यादा प्रयोग से भी पिम्पल्स होने की संभावना होती है। कई महिलाओं में माहवारी के समय चेहरे पर मुंहासे निकल आते हैं।
वैसे तो अधिकांश मुंहासे अपने आप ठीक हो जाते हैं किन्तु कई बार कुछ मुंहासे ठीक नहीं होते और काफी तकलीफ देते हैं। ऐसी स्थिति में इसका उपचार कराना आवश्यक होता है। इस तरह के मुंहासों के लिए किसी स्किन विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। होम्योपैथिक चिकित्सा भी इसमें काफी लाभ पंहुचाती है।
पिम्पल्स से बचने के उपाय
कुछ घरेलु उपायों द्वारा भी मुंहासों को ठीक किया जा सकता है और साथ ही इनसे बचा जा सकता है।
इन आदतों को अपनाकर मुंहासों से काफी हद तक बचा जा सकता है।और आपका चेहरा सुन्दर, आकर्षक और खिला खिला दिखेगा।
- दिन में तीन चार बार चेहरे को साफ़ पानी से धोएं।
- गरिष्ठ और ऑयली भोजन से परहेज करें।
- हरी सब्ज़ियां खूब खाएं और दिन में कम से कम आठ दस गिलास पानी पियें।
- सुबह टहलें और थोड़ा बहुत व्यायाम करें।
- मुंहासों को दबा कर मत फोड़ें।
- तनावमुक्त रहें। तनाव की वजह से भी मुंहासे हो जाते हैं।
- गाजर तथा अन्य फाइबरयुक्त फलों का सेवन करें।
- कब्ज़ से बचें।
- बाहर जब भी निकलना हो तो चेहरे को ढँक कर निकलें।
इन आदतों को अपनाकर मुंहासों से काफी हद तक बचा जा सकता है।और आपका चेहरा सुन्दर, आकर्षक और खिला खिला दिखेगा।
पिम्पल्स के कुछ घरेलु उपचार
यदि आप मुंहासों से परेशान हैं तो कुछ घरेलु उपायों को अपनाकर मुंहासों से छुटकारा पा सकते हैं
यदि आप मुंहासों से परेशान हैं तो कुछ घरेलु उपायों को अपनाकर मुंहासों से छुटकारा पा सकते हैं
- यदि आपके चेहरे पर बार बार मुंहासे होते हैं तो उनपर आप टी ट्री आयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। टी ट्री तेल एंटीसेप्टिक, एंटी वायरल और एंटी फंगल तीनों ही गुण पाए जाते हैं। इसकी कुछ बूंदें दिन में तीन बार पिम्पल्स पर लगाने से वे कुछ ही दिनों में चेहरे से गायब हो जाएंगे और चेहरा चिकना दिखने लगेगा।
- मुंहासों वाले चेहरे पर शहद का सेवन भी काफी लाभदायक होता है। इसे चेहरे पर लगाकर दस मिनट के लिए छोड़ देना चाहिए। इसके बाद चेहरे को गर्म पानी से अच्छी तरह धो लेना चाहिए। कुछ ही दिनों में मुंहासे ठीक हो जायेंगे। शहद के प्रयोग से मुंहासों के दर्द में भी काफी आराम मिलता है।
- थोड़ी मुल्तानी मिटटी में एक चम्मच तुलसी के पत्ते का पाउडर, एक चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच नीम के पत्ते का पेस्ट मिलकर एक लेप बना लें। इस लेप को हर दूसरे दिन चेहरे पर लगाएं। चेहरा कोमल और चिकना हो जायेगा।
- चेहरे की त्वचा को कच्चे दूध में निम्बू लगाकर रुई या स्पंज द्वारा साफ़ करें। इससे त्वचा की गन्दगी हट जाएगी और फिर मुंहासे होने की संभावना नहीं रहेगी।
- एलोवेरा या ग्वारपाठा त्वचा के लिए वरदान है। इसका रस त्वचा की कई तरह से मदद करता है। इसके सेवन से न केवल मुंहासों से आराम मिलता है बल्कि चेहरा सुन्दर,चमकदार और आकर्षक बन जाता है। विशेष लाभ के लिए एलोवेरा के गूदे को दिन में दो बार चेहरे पर मलना चाहिए।
- नीम के पत्ते का पेस्ट चेहरे पर लगाने से एक्ने आदि में काफी आराम मिलता है। इसका एंटी बैक्टीरियल गुण मुंहासों के साथ साथ कई तरह के चर्म रोगों को भी ठीक करता है।